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राममंदिर के ट्रस्टी अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी मुख्य यजमान:प्राण-प्रतिष्ठा में मोदी प्रतीकात्मक यजमान; CM योगी और RSS चीफ भी शामिल होंगे

अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। अभी तक इस तरह की खबरें थीं कि PM नरेंद्र मोदी प्राण प्रतिष्ठा के दौरान मुख्य यजमान हो सकते हैं, लेकिन प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकालने वाले पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़, राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित और रामानंद संप्रदाय के श्रीमठ ट्रस्ट के महामंत्री स्वामी रामविनय दास ने दावा किया है कि PM मोदी मुख्य यजमान नहीं हैं।

दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत में इन तीनों ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी मुख्य यजमान होंगी। ये दोनों ही संकल्प, प्रायश्चित और गणेश पूजा कर 7 दिवसीय अनुष्ठान की यजमानी करेंगे। साथ ही प्राण-प्रतिष्ठा में भी मौजूद रहेंगे। इनके मुताबिक, रामलला प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के मुख्य यजमान गृहस्थ ही हो सकते हैं। इसीलिए ऐसा निर्णय लिया गया है। PM मोदी को प्रतीकात्मक यजमान माना जा सकता है।

 

अयोध्या में आज यानी मंगलवार दोपहर सवा 1 बजे से रामलला प्राण प्रतिष्ठा के महाअनुष्ठान की शुरुआत हो रही है।

PM मोदी के प्रतिनिधि के तौर पर 60 घंटे तक मंत्रोच्चार सुनेंगे
प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले कर्मकांडी ब्राह्मणों और मुहूर्तकारों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, UP CM योगी आदित्यनाथ, UP की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, संघ प्रमुख मोहन भागवत और मिश्रा दंपती मुख्य आयोजन के समय 22 जनवरी को उपस्थित रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी गर्भगृह में अपने हाथ से कुशा और श्लाका खींचेंगे। उसके बाद रामलला प्राण प्रतिष्ठित हो जाएंगे। उससे पहले 16 से 21 जनवरी तक 6 दिन की पूजा में डॉ. मिश्रा दंपती ही मुख्य भूमिका में रहेंगे। वे PM मोदी के प्रतिनिधि के तौर पर 60 घंटे का शास्त्रीय मंत्रोच्चार सुनेंगे, जबकि 7वें दिन PM मोदी शामिल होंगे। उस दिन वह भोग अर्पित करेंगे और आरती भी करेंगे।

 

अयोध्या में अभी अस्थायी मंदिर में भगवान श्रीरामलला और उनके छोटे भाईयों के साथ भक्तों को दिव्य दर्शन दे रहे हैं।

उधर, अयोध्या में आज यानी मंगलवार दोपहर सवा 1 बजे से रामलला प्राण प्रतिष्ठा के महाअनुष्ठानों की शुरुआत हो रही है। इसमें यजमान का प्रायश्चित, सरयू नदी में दश विधरनान, यजमान ब्राह्मण का सौर, पूर्वोत्तराङ्ग‌ सहित प्रायश्चित, गोदान, पञ्च- गव्यप्राशन, दशदान और कर्मकुटी होम होगा।

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